CJM कोर्ट के चंडीगढ़ पुलिस को आदेश:बिल्डर के खिलाफ धोखाधड़ी में FIR दर्ज करें; प्लाट के नाम पर हुई थी ठगी चंडीगढ़ कोर्ट में चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट (CJM) डॉ अमन इंद्र सिंह की कोर्ट ने चंडीगढ़ पुलिस को आदेश दिए हैं कि मनोहर इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ FIR दर्ज करें। बिल्डर के अलावा उन अन्यों के नाम भी FIR में दर्ज करें, जिन्होंने मुल्लापुर, न्यू चंडीगढ़ में मोहाली के रहने वाले शिकायतकर्ता को रिहायशी प्लाट देने में उसके साथ कथित रूप से ठगी की थी। शिकायतकर्ता रवकिरत सिंह ने एडवोकेट मनप्रीत सिंह के जरिए CrPC की धारा 156 (3) के तहत यह शिकायत दायर की थी। मांग की गई थी कि चंडीगढ़ पुलिस को आदेश दिए जाए कि धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश रचने और आपराधिक स्तर पर विश्वासघात की धाराओं के तहत बिल्डर पर केस दर्ज किया जाए। कोर्ट की अहम टिप्पणी कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए पाया कि यह तय कानून है कि यदि कोई जानकारी संज्ञेय अपराध के बारे में बताती हो तो तुरंत FIR दर्ज करने के अलावा और कोई अन्य विकल्प नहीं है। FIR दर्ज करने की स्थिति में क्या जानकारी झूठी है, विश्वसनीय है आदि विचार महत्त्वपूर्ण नहीं हैं। यह वह मुद्दे हैं तो केस दर्ज करने के बाद जांचे जाने हैं। यदि जानकारी झूठी पाई जाती है तो पुलिस के पास हमेशा शिकायतकर्ता के खिलाफ केस चलाने का एक विकल्प मौजूद रहता है। सुप्रीम कोर्ट जजमेंट को बनाया आधार चंडीगढ़ कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की ललिता कुमार बनाम यूपी सरकार मामले में दिए गए फैसले को आधार बनाते हुए कहा कि संज्ञेय अपराध को लेकर विचार योग्य आरोप लगाए गए हैं। ऐसे में केस में जांच की जानी बनती है। कोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुए संबंधित थाना SHO को मामले में शिकायत की कॉपी देते हुए केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं।